क्यों बढ़ रहा भारत की लड़कियों में सर्वाइकल कैंसर का जोखिम? बचाव के लिए जरूरी है HPV टीका

क्यों बढ़ रहा भारत की लड़कियों में सर्वाइकल कैंसर का जोखिम? बचाव के लिए जरूरी है HPV टीका

Cervical Cancer Vaccine: भारत समेत दुनिया के कई देशों में कैंसर के बढ़ते मामले चिंता बढ़ा रहे हैं। कैंसर कई प्रकार के होते हैं, जो ज्यादातर गंभीर और जानलेवा होते हैं। वैश्विक स्तर पर प्रतिवर्ष लाखों लोग कैंसर से मरते हैं। कैंसर के प्रति जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। वहीं जनवरी में सर्वाइकल कैंसर जागरूकता माह मनाते हैं। सर्वाइकल कैंसर महिलाओं को होने वाला गंभीर कैंसर है। इसे गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं या गर्भाशय के मुंह का कैंसर भी कहा जाता है। भारत में सर्वाइकल कैंसर के मामले काफी तेजी से बढ़ते हुए रिपोर्ट किए जा रहे हैं। भारतीय महिलाओं में होने वाले तमाम प्रकार के कैंसर में 6-29% मामले सर्वाइकल कैंसर के होते हैं।

देश में सर्वाइकल कैंसर के आंकड़ों की रिपोर्ट चिंता बढ़ा रही है। जागरूकता का अभाव कैंसर के बढ़ते मामलों की वजह है। हालांकि यूनिसेफ और भारत सरकार सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए पहली स्वदेशी वैक्सीन को लेकर जागरूकता अभियान चला रहा है। सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए भारत में टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो रही है, जिससे किशोरियों को इस रोग से छुटकारा मिल सकेगा। साथ ही उन्हें सर्वाइकल कैंसर के बारे में भी जानकारी दी जाएगी, ताकि वह यौन कारणों से होने वाले रोगों के बारे में जान सकें और बचाव कर सकें। आइए जानते हैं क्या है सर्वाइकल कैंसर, भारत में इसके मामले, बचाव के लिए टीकाकरण के बारे में।

भारत में सर्वाइकल कैंसर के आंकड़े

वर्तमान रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल लगभग 1.25 लाख महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की पहचान होती है। भारत में इस बीमारी से 75 हजार से अधिक की मृत्यु दर्ज की गई, जो कि दुनिया भर में सर्वाइकल कैंसर के मामलों का 70 फीसदी है। ग्लोबोकैन की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020 में वैश्विक स्तर पर सर्वाइकल कैंसर के 604,100 नए मामलों का पता चला। सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए भारत में पहली स्वदेशी वैक्सीन लॉन्च हुई है। विशेषज्ञों का दावा है कि इस वैक्सीन से कैंसर के गंभीर खतरे और मृत्युदर को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

एक अध्ययन के मुताबिक, अधिकांश लोगों को कभी न कभी एचपीवी का संक्रमण होता है, हालांकि उन्हें इसका एहसास नहीं होता क्योंकि संक्रमित का शरीर, संक्रमण से मुकाबला करके उसे खत्म कर देता है। इस कैंसर की शुरुआती स्थिति में लक्षण स्पष्ट नहीं होते, लेकिन कैंसर की स्थिति गंभीर होने पर यह लक्षण महसूस होते हैं।

  • पीरियड्स के बाद ब्लीडिंग
  • संभोग के बाद खून बहना।
  • रजोनिवृत्ति के बाद भी होने वाली ब्लीडिंग।
  • तेज गंध के साथ योनि से स्राव होना।
  • पेडू में दर्द बना रहना।

सर्वाइकल कैंसर का कारण

सर्वाइकल कैंसर, ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के विभिन्न वैरिएंट्स के कारण होता है। एचपीवी वायरस एक यौन संचारित वायरस है। कई यौन साथी होने से इस प्रकार के कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण भी सर्वाइकल कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। इसके अलावा दो महिलाएं धूम्रपान करती हैं और इम्यूनोसप्रेसिव दवाओं का अधिक सेवन करती हैं, उन्हें भी सर्वाइकल कैंसर का जोखिम हो सकता है।
भारत में सर्वाइकल कैंसर केस क्यों बढ़ रहे?

यौन से जुड़े इस रोग के बारे में लोग खुलकर बात नहीं कर पाते। भारत में किशोरियां और महिलाएं सर्वाइकल कैंसर को लेकर जागरूक नहीं है। माता और पिता अपनी बच्चियों से यौन शिक्षा पर बात नहीं करते। ऐसे में लड़कियों को पता ही नहीं होता कि सर्वाइकल कैंसर जैसे रोग के कारण क्या हैं और इससे बचना कैसे हैं। इस तरह की समस्याएं सर्वाइकल कैंसर के मामले बढ़ने के कारण है। इस समस्या के समाधान के लिए जरूरी है कि किशोरियों को यौन शिक्षा दी जाए। उन्हें सेक्स से जुड़े मिथ्य और सही तथ्यों की जानकारी हो।

Anju Kunwar

Learn More →

Must Read