बीकेटीसी – Tunwala News https://tunwala.com Uttarakhand Hindi News Portal Mon, 18 Sep 2023 06:56:17 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.3 https://tunwala.com/wp-content/uploads/2023/02/cropped-OQ5DC31-ai-32x32.png बीकेटीसी – Tunwala News https://tunwala.com 32 32 तुंगनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा आरंभ : अध्यक्ष अजेंद्र अजय https://tunwala.com/2023/09/18/reconstruction-of-tunganath-temple-started-by-shri-badrinath-kedarnath-temple-committee-chairman-ajendra-ajay/ Mon, 18 Sep 2023 06:56:17 +0000 https://memoirspublishing.com/?p=64258

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने विश्व की सबसे उच्च स्थली पर, तेरह हजार फीट पर स्थित प्रमुख शिव मंदिर, तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य आरंभ किया है। इस मंदिर में शिव जी के बाहु और हृदय की पूजा होती है, और यह मंदिर पंच केदार में एक है। तुंगनाथ घाटी के पास स्थित चोपता और दुग्गलबिट्टा क्षेत्र को उत्तराखंड

का “स्विट्जरलैंड” कहा जाता है। यहां से ही भक्त भगवान तुंगनाथ की दर्शन की यात्रा पर जाते हैं।

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने जानकारी दी कि तुंगनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण पर विचार किया जा रहा है। मीडिया प्रतिनिधि डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि स्थानीय लोगों की लंबे समय से मांग पर ध्यान दिया जा रहा है और अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने इस पुनर्निर्माण की पहल की है।

प्रेषक मीडिया प्रभारी बीकेटीसी

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विश्व के एक प्रमुख ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ शिव मंदिर में छतरी के पुनर्निर्माण की शुरुआत हुई https://tunwala.com/2023/09/17/reconstruction-of-chhatri-started-at-tunganath-shiva-temple-located-at-one-of-the-worlds-leading-heights/ Sun, 17 Sep 2023 11:44:43 +0000 https://memoirspublishing.com/?p=64242 तुंगनाथ/उखीमठ/ रूद्रप्रयाग: 17 सितंबर। श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) द्वारा विश्व में सबसे ऊंचाई तेरह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित आस्था का केन्द्र प्रसिद्ध शिव मंदिर तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मंदिर की जीर्ण-शीर्ण छतरी का जीर्णोद्धार कार्य विधि- विधान पूजा- अर्चना के पश्चात आज शुरू हो गया है।

छतरी का दानीदाता के सहयोग से देवदार की लकड़ी से पहले की तरह नव निर्माण किया जा रहा है जीर्णोद्धार कार्य उचित ढ़ग से हो सके इसके लिए मंदिर के कलश को भी उतारा गया।उल्लेखनीय है तेरह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित पंच केदार में शुमार श्री तुंगनाथ मंदिर में भगवान शिव के बाहु तथा ह्रदय भाग की पूजा होती है और यहां बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पहुंचते है श्री तुंगनाथ घाटी स्थित चोपता तथा दुग्गलबिट्टा को उत्तराखंड का स्वीटजरलैंड भी कहा जाता है इन्हीं पड़ावों से होकर तीर्थयात्री भगवान तुंगनाथ जी के दर्शन को पहुंचते हैं।

श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि श्री तुंगनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य पर भी विचार हो रहा है इस संबंध में उनके द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ( एएसआई) तथा भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग ( जीएसआई) को पत्र लिखा गया ताकि विशेषज्ञों की राय के अनुसार मंदिर जीर्णोद्धार का कार्य आगे बढ़ सके।
उल्लेखनीय है कि स्थानीय जनता कई वर्षो से श्री तुंगनाथ मंदिर के शिखर पर स्थित छतरी के जीर्णोद्धार की मांग कर रही थी लेकिन इस संबंध में कार्य नहीं हो पाया था।

श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष का पदभार संभालते ही अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने इस बावत पहल की तथा दानीदाताओं से संपर्क किया परिणामस्वरूप मंदिर के शीर्ष छतरी का जीर्णोद्धार कार्य शुरू हो गया।

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BKTC News – Tungnath Temple Workers

छतरी निर्माण तथा नक्काशीकर रहे कारीगरों द्वारा पूर्व छतरी की तरह देवदार की लकड़ी से नयी छतरी का निर्माण किया जा रहा है इस तरह अब छतरी निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है। नयी छतरी को अतिशीघ्र मंदिर के शीर्ष पर विराजमान किया जाना है इसके लिए मंदिर के शीर्ष कलश को भी मुहुर्त निकाल कर आज रविवार को उतारा गया है।
इसी तरह श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी की मंदिर की छतरी का नव निर्माण प्रस्तावित है।

आज रविवार को मुहुर्तानुसार प्रात: पूजा- अर्चना तथा वैदिक मंत्रोंचार के बाद तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कलश को उतारने की प्रक्रिया शुरू हुई सबसे पहले बाबा तुंगनाथ जी की पूजा हुई उसके बाद भूतनाथ ( भैरवनाथ) जी की पूजा-अर्चना हुई तत्पश्चात भूतनाथ जी के पश्वा अवतरित हुए तथा उन्होंने कलश उतारने की आज्ञा दी। इसी तरह मां भगवती कालिंका के पश्वा अवतरित हुए उन्होंने भी कलश उताने की आज्ञा प्रदान की इसके बाद मंदिर समिति, मंगोली गांव के दस्तूर धारियों, तथा मक्कूमठ के मैठाणी पुजारियों की उपस्थिति में दस्तूर धारी मंदिर के शिखर पर पहुंचे तथा कलश को मंदिर परिसर में लाये जहां पूजा-अर्चना दर्शन के पश्चात कलश को तुंगनाथ स्थित मंदिर गर्भगृह में रखा गया जहां प्रतिदिन कलश की पूजा की जायेगी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि भूतनाथ जी के पश्वा ( पश्वा अर्थात जिन पर देव अवतरित होते है) ने श्री तुंगनाथ जी के कपाट बंद होने के बाद यात्रियों का मंदिर क्षेत्र में प्रवेश कराने पर नाराजी दिखायी।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया आज कलश को उतारने के साथ ही इसके साथ ही छतरी के जीर्णोद्धार का शुभारंभ हो गया।

इस अवसर पर छतरी का जीर्णोद्धार करनेवाले दानी दाता संजीव सिंघल के प्रतिनिधि सहित मंदिर समिति के सहायक अभियंता विपिन तिवारी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, मंदिर प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवाण, अवर अभियंता विपिन कुमार,भूतनाथ के पश्वा राजेंद्र भंडारी, प्रबंधक बलबीर नेगी तथा दस्तूरधारी अविरत्न धर्म्वाण,रोहन धर्म्वाण, अनंत धर्म्वाण, हरीश धर्म्वाण मठापति रामप्रसाद मैठाणी, रवीन्द्र मैठाणी,भरत मैठाणी, गीताराम मैठाणी,प्रकाश मैठाणी, मुकेश मैठाणी,सतीश मैठाणी,दलीप नेगी, चंद्रमोहन बजवाल आदि मौजूद रहे।

• प्रेषक मीडिया प्रभारी।

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जन्मदिन पर प्रधानमंत्री के सम्मान में श्री बदरीनाथ-केदारनाथ और अन्य मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना आयोजित। https://tunwala.com/2023/09/17/special-pujas-were-organized-in-shri-badrinath-kedarnath-and-other-temples-in-honor-of-the-prime-minister-on-his-birthday/ Sun, 17 Sep 2023 07:33:38 +0000 https://memoirspublishing.com/?p=64232 श्री बदरीनाथ/केदारनाथ, 17 सितंबर: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर आज बदरीनाथ और केदारनाथ धाम, साथ ही उनके संबंधित मंदिरों में विशेष पूजाएं आयोजित हुईं।

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Badrinath Temple

इन महत्वपूर्ण स्थलों पर विधिवत पूजा-अर्चना तथा यज्ञ-हवन का आयोजन किया गया, जिसमें प्रधानमंत्री की लंबी आयु और देश के प्रगति की कामनाएं की गईं।

श्री बदरीनाथ धाम में प्रधानमंत्री के जन्मदिन के उपलक्ष्य में भगवान बदरीविशाल की महाभिषेक पूजा और श्री केदारनाथ धाम में भगवान केदारनाथ का रूद्राभिषेक संपन्न हुआ।

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Kedarnath Temple

इस विशेष अवसर पर, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने प्रधानमंत्री को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी।

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बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी के अनुसार, प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर पंचकेदार और अन्य महत्वपूर्ण मंदिरों में भी विशेष पूजाएं और अर्चना का आयोजन हुआ।

आज के इस विशेष दिन पर, देशभर की भिन्न-भिन्न स्थलों पर आयोजित पूजाओं में भारी भीड़ जुटी, जिसमें भक्तों ने प्रधानमंत्री के लिए प्रार्थना की।

• प्रेषक प्रेषक मीडिया प्रभारी बीकेटीसी

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जन्मदिन की उपलक्ष्य में बदरीनाथ-केदारनाथ धाम में विशेष पूजा-अर्चना आयोजित https://tunwala.com/2023/09/16/on-the-occasion-of-the-birthday-of-chief-minister-pushkar-singh-dhami-special-worship-was-organized-in-badrinath-kedarnath-dham/ Sat, 16 Sep 2023 08:16:47 +0000 https://memoirspublishing.com/?p=64169

श्री बदरीनाथ/ केदारनाथ: 16 सितंबर

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में आज श्री बदरीनाथ और केदारनाथ धामों में विशेष अनुष्ठान हुए।

श्री बदरीनाथ धाम में महोत्सव:

आज प्रात: बदरीनाथ धाम में भगवान बदरीविशाल के प्रति एक श्रेष्ठ महाभिषेक अनुष्ठान हुआ, जिसे रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने संपन्न किया। बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने भी इस महाभिषेक में भाग लिया।

केदारनाथ धाम में विशेष अनुष्ठान:

केदारनाथ धाम में मुख्यमंत्री के नाम और गोत्र के साथ भगवान केदारनाथ के प्रति रूद्राभिषेक और यज्ञ हुए।

अन्य मंदिरों में पूजा-अर्चना:

श्री नृसिंह मंदिर, जोशीमठ, और सिद्धपीठ कालीमठ में भी विशेष पूजा-अर्चना हुई, जिसमें स्थानीय पुजारी और अधिकारी उपस्थित रहे।

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BKTC News Uttarakhand

बदरी-केदार मंदिर समिति की शुभकामनाएँ:

बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय और उपाध्यक्ष किशोर पंवार सहित अन्य सदस्यों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।

मुख्यमंत्री के जन्मदिन के इस खास अवसर पर प्रदेशवासियों की ओर से उन्हें लंबी आयु और सेवा के अधिक अवसर प्राप्त होने की कामना की गई।

इस अवसर पर श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ने संगठित की गई सभी पूजा, अर्चना और अनुष्ठानों का संचालन किया

इसी तरह पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान ओंकारेश्वर की पूजा-अर्चना अभिषेक किया गया। इस अवसर पर पुजारी शिवशंकर लिंग, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल तथा प्रशासनिक अधिकारी रमेश नेगी मौजूद रहे।

श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में मुख्यमंत्री के नाम गोत्र से प्रात:श्री नृसिंह बदरी की विशेष पूजा-अर्चना हुई। इस अवसर पर पुजारी हनुमान प्रसाद डिमरी , मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चौहान, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी विजेंद्र बिष्ट एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी दीपक नौटियाल तथा नृसिंह मंदिर प्रभारी संदीप कपरवाण मौजूद रहे।

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Badrinath News

सिद्धपीठ कालीमठ में प्रात: मुख्यमंत्री के नाम गौत्र से पूजा संपन्न हुई इस अवसर पर वेदपाठी रमेश भट्ट, तीर्थपुरोहित सुरेशानंद गौड़, प्रबंधक प्रकाश पुरोहित, मठापति अबल सिंह राणा, श्रीकृष्ण देवशाली मौजूद रहे।

श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर, तृतीय केदार श्री तुंगनाथ, श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी, श्री त्रिजुगीनारायण मंदिर,श्री योग बदरी पांडुकेश्वर,श्री गोपाल मंदिर नंदप्रयाग, नव दुर्गा मंदिर टिहरी, श्री चंद्रवदनी मंदिर कारगी चौक देहरादून, श्री भविष्य बदरी मंदिर सुभाई तपोवन( जोशीमठ), वृद्ध बदरी मंदिर, श्री सदगुरू धाम सेरा भरदार( टिहरी) में मुख्यमंत्री के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में पूजा अर्चना हुई।

• प्रेषक प्रेषक मीडिया प्रभारी बीकेटीसी

 

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बीकेटीसी: बद्रीनाथ धाम के सिंहद्वार में दरारों की समस्या सुलझाई, अध्यक्ष ने की विस्तार से जानकारी दी https://tunwala.com/2023/09/14/bktc-solved-the-problem-of-cracks-in-singhdwar-of-badrinath-dham-chairman-gave-detailed-information/ Thu, 14 Sep 2023 11:33:44 +0000 https://memoirspublishing.com/?p=64060

देहरादून। श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने पुष्टि की है कि बदरीनाथ मंदिर के सिंह द्वार में अभी कोई नई दरार उत्पन्न नहीं हुई है और क्षेत्र में कोई भू-धंसाव भी नहीं हो रहा है। बीकेटीसी के अनुसार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) पहले से ही सिंह द्वार में पाई गई दरारों का संवार कार्य कर रहा है, और इस समय वहां कोई नई दरार नहीं देखी गई है।

पिछले वर्ष, बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने सरकार से सिंह द्वार में उत्पन्न हुई दरारों की चिंता जताई थी। इसके प्रतिक्रिया में, सरकार ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से विस्तृत जांच और समीक्षा की मांग की। जुलाई 2022 में विभाग ने मरम्मत की योजना तैयार की थी और अक्टूबर में दरारों की पहचान के लिए विशेष ग्लास टायल्स लगाए गए थे।

अगस्त 2023 में, विभाग ने टायल्स की समीक्षा के बाद मरम्मत कार्य आरंभ किया, जिसमें कोई अधिक विकास नहीं देखा गया।

बीकेटीसी के प्रवक्ता डा. हरीश गौड़ ने बताया कि सिंह द्वार में मरम्मत कार्य का पहला चरण पूरा हो चुका है और अब दूसरी ओर की दरारों पर कार्य होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सिंह द्वार में पहले से मौजूद दरारों का संवारन जारी है।

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श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने स्पष्ट किया है कि श्री बदरीनाथ मंदिर के प्रमुख प्रवेश द्वार में कोई नई दरार नहीं पाई गई है https://tunwala.com/2023/09/14/shri-badrinath-kedarnath-temple-committee-bktc-has-clarified-that-no-new-crack-has-been-found-in-the-main-entrance-of-shri-badrinath-temple/ Thu, 14 Sep 2023 09:14:10 +0000 https://memoirspublishing.com/?p=64054

देहरादून, 13 सितंबर: श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने स्पष्ट किया है कि श्री बदरीनाथ मंदिर के प्रमुख प्रवेश द्वार में कोई नई दरार नहीं पाई गई है और मंदिर क्षेत्र में भू-संकट का संकेत भी नहीं है। बीकेटीसी के अनुसार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) पहले से मौजूद हल्की दरारों की मरम्मत में जुटा हुआ है, और फिलहाल किसी नई दरार की पुष्टि नहीं हुई है।

समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने पिछले वर्ष शासन को मंदिर के प्रवेश द्वार पर हुई हल्की दरारों की जानकारी दी थी। उसके बाद, शासन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से इसे जांचने के लिए कहा। एएसआई ने 2022 में मरम्मत कार्यवली तैयार की और अक्टूबर में दरारों पर विशेष प्रकार की ग्लास पट्टियाँ लगाई जिससे दरारों की चौड़ाई का पता चल सके। 2023 के अगस्त में, ग्लास पट्टियों की जाँच के आधार पर एएसआई ने मरम्मत कार्य आरंभ किया था।

बीकेटीसी के प्रवक्ता डा. हरीश गौड़ ने बताया कि पहले चरण में मंदिर के प्रवेश द्वार के एक ओर की मरम्मत पूरी हो चुकी है, और अब दूसरी ओर की मरम्मत शुरू होगी। इससे यह साफ है कि दरार पुरानी है और इसका समाधान किया जा रहा है।

• सूचना स्रोत: मीडिया प्रभारी, बीकेटीसी।

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