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इंजन में समस्या थी पोखरा विमान हादसे के पीछे की असली वजह, जांच समिति ने किया यह खुलासा

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यति एयरलाइंस के एक अधिकारी के मुताबिक, एटीआर -72 विमान दुर्घटना के कारण को समझने के लिए फ्रांस की नौ सदस्यीय टीम भी पोखरा में एयरलाइंस के कर्मचारियों और संबंधित अधिकारियों से पूछताछ कर रही है। इसके साथ ही नेपाल सरकार ने हादसे की जांच के लिए पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है।

बीती 15 जनवरी को नेपाल के रिसॉर्ट शहर पोखरा में ‘यति एयरलाइंस’का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे के समय विमान में  72 यात्री सवार थे। इस हादसे की जांच कर रही समिति ने बड़ा खुलासा किया है। जांच समिति ने कहा है कि नेपाल में यति एयरलाइंस के एटीआर-72 विमान का फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर की जांच में पता चला है कि विमान के इंजन में समस्या इस हादसे का कारण थी।

गौरतलब है कि इससे पहले कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि ‘यति एयरलाइंस’के विमान का पायलट विमान की लैंडिंग के समय विंग फ्लैप को पूरी तरह नहीं खोल सका था, जिसके कारण प्लेन क्रैश हो गया। गौरतलब है कि विमान को जमीन पर उतारने के दौरान उसकी गति को कम करने के लिए और कंट्रोल बनाए रखने के लिए पंखों के पीछे फ्लैप लगे होते हैं। जो लैंडिग के समय पूरी तरह से नीचे होते हैं।

 यति एयरलाइंस के एक अधिकारी के मुताबिक, एटीआर -72 विमान दुर्घटना के कारण को समझने के लिए फ्रांस की नौ सदस्यीय टीम भी पोखरा में एयरलाइंस के कर्मचारियों और संबंधित अधिकारियों से पूछताछ कर रही है। इसके साथ ही नेपाल सरकार ने हादसे की जांच के लिए पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है।

विमान  हुआ था क्रैश
‘यति एयरलाइंस’ के 9एन-एएनसी एटीआर-72 विमान ने रविवार को पूर्वाह्न 10 बजकर 33 मिनट पर काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी। पोखरा हवाई अड्डे पर उतरते वक्त विमान पुराने हवाई अड्डे और नए हवाई अड्डे के बीच सेती नदी के तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान में 55 नेपाली नागरिक, पांच भारतीय सहित 15 विदेशी नागरिक और चार चालक दल के सदस्य सवार थे।

पांच भारतीयों की हुई थी पहचान
भारतीयों की पहचान अभिषेक कुशवाहा (25), विशाल शर्मा (22), अनिल कुमार राजभर (27) सोनू जायसवाल (35) और संजय जायसवाल के तौर पर हुई है। ये सभी उत्तर प्रदेश के निवासी थे। खबर के अनुसार, 48 शवों को काठमांडू लाया गया था। स्थानीय लोगों और जिन शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई तथा विदेशी नागरिकों के शवों के अलावा सभी शवों को मंगलवार दोपहर काठमांडू लाया गया। इन 48 शवों को महाराजगंज स्थित त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग हॉस्पिटल में पोस्ट मार्टम के लिए नेपाल सेना के हेलीकॉप्टर में काठमांडू लाया गया।

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