देहरादून, 13 सितंबर: श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने स्पष्ट किया है कि श्री बदरीनाथ मंदिर के प्रमुख प्रवेश द्वार में कोई नई दरार नहीं पाई गई है और मंदिर क्षेत्र में भू-संकट का संकेत भी नहीं है। बीकेटीसी के अनुसार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) पहले से मौजूद हल्की दरारों की मरम्मत में जुटा हुआ है, और फिलहाल किसी नई दरार की पुष्टि नहीं हुई है।
समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने पिछले वर्ष शासन को मंदिर के प्रवेश द्वार पर हुई हल्की दरारों की जानकारी दी थी। उसके बाद, शासन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से इसे जांचने के लिए कहा। एएसआई ने 2022 में मरम्मत कार्यवली तैयार की और अक्टूबर में दरारों पर विशेष प्रकार की ग्लास पट्टियाँ लगाई जिससे दरारों की चौड़ाई का पता चल सके। 2023 के अगस्त में, ग्लास पट्टियों की जाँच के आधार पर एएसआई ने मरम्मत कार्य आरंभ किया था।
बीकेटीसी के प्रवक्ता डा. हरीश गौड़ ने बताया कि पहले चरण में मंदिर के प्रवेश द्वार के एक ओर की मरम्मत पूरी हो चुकी है, और अब दूसरी ओर की मरम्मत शुरू होगी। इससे यह साफ है कि दरार पुरानी है और इसका समाधान किया जा रहा है।
• सूचना स्रोत: मीडिया प्रभारी, बीकेटीसी।