ऋषिकेश, जिसे तीर्थनगरी के रूप में जाना जाता है, यह वही नहीं बल्कि एडवेंचर के शौकीनों का पसंदीदा मंजिल भी है। दुनिया भर से यात्री ऋषिकेश की तरफ न केवल स्पिरिचुअल यात्रा के लिए बल्कि रिवर राफ्टिंग के अद्वितीय अहसास के लिए भी आते हैं। ऋषिकेश ने पिछले कुछ वर्षों में राफ्टिंग के लिए अपनी खास पहचान बनाई है। हालांकि, मानसून के कारण यह रोमांचक गतिविधि दो महीने के लिए स्थगित की जानी थी। लेकिन अब राफ्टिंग प्रेमियों के लिए ऋषिकेश से आई खुशखबरी है। तीर्थनगरी में राफ्टिंग संचालन पर लगी प्रतिबंध को हटा दिया गया है और अब उन्हें इस जोशीली गतिविधि का पूरा मजा लेने का मौका मिलेगा।
राफ्टिंग संचालन की अनुमति
बताया जा रहा है कि मानसून की दस्तक के बाद गंगा में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए मुनिकीरेती क्षेत्र में गंगा में होने वाली विश्व प्रसिद्ध रिवर राफ्टिंग रोक दी गई थी। अब 2 महीने बाद राफ्टिंग के शौकीनों को एक बार फिर रिवर राफ्टिंग का मौका मिलेगा। अगर आप भी रिवर राफ्टिंग के शौकीन है और इस सीजन में राफ्टिंग का लुफ्त उठा नहीं पाए तो आपका इंतजार खत्म हो गया है। गंगा के विश्व प्रसिद्ध कौडियाला मुनिकीरेती इको टूरिज्म जोन में आज से राफ्टिंग की गतिविधि शुरू होने जा रही है। पहले चरण में मरीन ड्राइव से शिवपुरी तथा क्लब हाउस से मुनिकिरेती तक राफ्टिंग संचालन की अनुमति दी गई है। 16 सितंबर को शनिवार 17 सितंबर को रविवार है। लगातार दो दिन छुट्टी है। ऐसे में राफ्टिंग शुरू होने पर भीड़ आने की उम्मीद है।
रिवर राफ्टिंग का प्रति व्यक्ति किराया
आपको बता दें कि यहां 280 राफ्टिंग कंपनियां हैं और 575 राफ्टों का संचालन उन कंपनियों के तहत किया जाता है। ऋषिकेश में क्लब हाउस से राम झूला तक की राफ्टिंग की जाती है जो कि 9 किलोमीटर की दूरी तय करती है और इसका प्रति व्यक्ति रेट 600 है। ब्रह्मपुरी से रामझूला तक भी 600 प्रति व्यक्ति रेट है और यह भी 9 किलोमीटर की दूरी तय करती है। शिवपुरी से राम झूला तक 15 किलोमीटर की दूरी के हजार रुपए हर एक व्यक्ति से चार्ज किए जाते हैं। शिवपुरी से मरीन ड्राइव तक 10 किलोमीटर की राफ्टिंग में हर व्यक्ति से ₹600 चार्ज किए जाते हैं।
अधिक खतरनाक और रोमांचक रैपिड पड़ाव
कोडियाला से राम झूला तक 35 किलोमीटर की राफ्टिंग में 2500 चार्ज किए जाते हैं तो वहीं कोडियाला से शिवपुरी तक 20 किलोमीटर की राफ्टिंग में हर व्यक्ति से 1500 रुपए लिए जाते हैं। आपको बता दें कि कोडियाला से राम झूला तक तकरीबन 35 किलोमीटर के रास्ते में गंगा के सबसे अधिक खतरनाक और रोमांचक रैपिड पड़ाव पड़ते हैं और पर्यटक इनका खूब आनंद लेते हैं।
रोजाना 15 सौ पर्यटक ले रहे थे राफ्टिंग का आनंद
गौरतलब है कि हर साल बरसात में नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण रिवर राफ्टिंग को बंद कर दिया जाता है। पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। एक जुलाई से लेकर 31 अगस्त तक राफ्टिंग पर रोक रहती है। बीते दिनों में राफ्टिंग के शौकीनों की भीड़ बढ़ती जा रही थी। सुबह से लेकर शाम तक करीब 15 सौ पर्यटक राफ्टिंग का आनंद उठा रहे थे।