देहरादून, 5 अक्टूबर 2023: उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में आयोजित एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के चौथे राष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्सव 2023 के अवसर पर एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज भारत राष्ट्र का गर्व है और इसे बढ़ावा देने का संकल्प उनके लिए महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संवाद में बताया कि वे स्वयं जीवन का एक महत्वपूर्ण किस्सा जनजाति समुदाय के बीच में बिताए हैं और उनके लिए यह एक गर्व की बात है। उन्होंने महाराणा प्रताप स्पोर्टस कॉलेज रायपुर में आयोजित उत्सव के शुभारंभ के मौके पर यह कहा।
इस उत्सव का आयोजन नेशनल एजुकेशन सोसायटी फॉर ट्राइबल स्टूडेन्ट तथा स्टेट एकलव्य विद्यालय संगठन समिति उत्तराखण्ड द्वारा किया गया है, और इसमें देश के 22 राज्यों से आए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के छात्र और शिक्षक भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बताया कि इस उत्सव में विभिन्न राज्यों से आए छात्रों की उपस्थिति से भारत की विविधता में सांस्कृतिक एकता का जश्न मनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उत्तराखण्ड में पांच प्रकार की जनजातियाँ निवास करती हैं, और उनकी भौगोलिक, आर्थिक, और ऐतिहासिक स्थितियाँ लगभग समान हैं। इसके साथ ही उन्होंने जनजातीय समुदाय के महत्व को हाइलाइट किया और उनके योगदान को सराहा।
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी दर्शाया कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, भारत में अनुसूचित जनजातियों के समाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। उन्होंने प्रधानमंत्री के योगदान को महत्वपूर्ण माना और उनकी नेतृत्व में अनुसूचित जनजातियों के उत्थान को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की।
मुख्यमंत्री धामी ने अपने भाषण में उत्तराखण्ड में एक और एकलव्य विद्यालय की स्थापना के लिए केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा से अनुरोध किया और उन्होंने इस प्रयास को उत्तराखण्ड में अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण माना।
इसके साथ ही, उन्होंने यह भी दर्शाया कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा अनुसूचित जनजातियों के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं और उनके सामाजिक, आर्थिक, और शैक्षिक विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस संवाद ने जनजाति समाज के महत्व को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है और उनके संकल्प को सलामी दिया है, जो भारतीय समाज के एकता और विविधता के साथ समृद्ध भविष्य की ओर प्रगति कर रहा है।
सीएम धामी ने कहा कि जनजातीय शोध संस्थान के लिये एक करोड़ रुपए के कार्पस फण्ड की भी व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की गई है। केंद्र केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने इस अवसर पर कहा कि देश के राज्यों में जनजातीय छात्रों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करने हेतु उन्हें प्राइमरी से स्नातकोत्तर स्तर तक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि गत वर्ष कर्नाटक में आयोजित ईएमआरएस राष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्सव के तीसरे संस्करण में, देवभूमि के जनजातीय छात्रों की अद्वितीय प्रतिभा और क्षमताओं के बल पर उत्तराखण्ड राज्य समग्र श्रेणी में प्रथम स्थान पर रहा। उन्होंने इस उत्सव के चौथे संस्करण में देवभूमि के छात्रों को सभी श्रेणियों में बेहतर प्रदर्शन की भी शुभकामना दी।