मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोवर्धन पूजा के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में गायों की पूजा की। इस शुभ अवसर के दौरान, उन्होंने प्रदेशवासियों के लिए सुख, समृद्धि, और खुशहाली की कामना की। उन्होंने आज गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद करने का निर्णय भी लिया है।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजन का आयोजन किया जाता है। इस दिन को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस मौके पर घरों में बड़ा भोग बनाया जाता है। गोवर्धन पूजा का त्योहार वामन जयंती, या दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाता है, लेकिन इस बार के लिए अमावस्या तिथि के दो दिन होने के कारण, गोवर्धन पूजन 14 नवंबर को आयोजित किया जा रहा है। इस दिन, गोवर्धन पर्वत (गिरिराज जी) और गाय की पूजा को विशेष महत्व प्राप्त होता है, जो श्रीकृष्ण के स्वरूप में माना जाता है।
गोवर्धन,वृंदावन और मथुरा सहित पूरे बृज में इस दिन जोर-शोर से अन्नकूट महोत्सव मनाया जाता है। मंदिरों में अन्नकूट महोत्सव कार्तिक प्रतिपदा से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक चलता है। इस बार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 13 नवंबर दिन सोमवार से दोपहर 2 बजकर 56 मिनट से हो रही है और तिथि का समापन 14 नवंबर दिन मंगलवार को दोपहर 2 बजकर 36 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि को मानते हुए गोवर्धन पूजन 14 नवंबर को मनाया जाएगा।