नई दिल्ली/आदमपुर, 13 मई/ भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार सुबह पंजाब स्थित आदमपुर एयरबेस का दौरा किया। यह दौरा न केवल भारतीय जवानों का मनोबल बढ़ाने वाला साबित हुआ, बल्कि पाकिस्तान के झूठे दावों और दुष्प्रचार का सटीक और सशक्त जवाब भी माना जा रहा है।
पाकिस्तान को सीधा संदेश: “S-400 Safe & Operational”
हाल ही में पाकिस्तान की ओर से यह दावा किया गया था कि उसने भारत के आदमपुर एयरबेस पर तैनात S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को अपने मिसाइल हमलों में नष्ट कर दिया है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी और एयरबेस का दौरा इस दावे को पूरी तरह खारिज करता है।
भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि न केवल S-400 प्रणाली सुरक्षित और पूरी तरह से कार्यशील है, बल्कि भारत द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
आदमपुर एयरबेस: भारत की सामरिक शक्ति का केंद्र
आदमपुर एयर फोर्स स्टेशन भारत का दूसरा सबसे बड़ा वायुसेना अड्डा है और सामरिक दृष्टि से यह बेहद महत्वपूर्ण है। हाल ही में पाकिस्तान की ओर से किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों के बावजूद यह एयरबेस पूरी तरह सक्रिय और प्रभावी बना हुआ है।
ऑपरेशन सिंदूर: दुश्मन के ठिकानों पर जोरदार वार
10 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के भीतर कई सामरिक और आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें नूर खान एयरबेस, रहीम यार खान और अन्य प्रमुख स्थान शामिल थे। इन हमलों से पाकिस्तान को भारी क्षति हुई है। सूत्रों के अनुसार, आदमपुर, पठानकोट, उधमपुर और भुज एयरबेस पर मामूली क्षति हुई, लेकिन भारत की जवाबी कार्रवाई निर्णायक और सशक्त रही।
प्रधानमंत्री का संदेश: “हमारे जवान हैं बहादुरी की मिसाल”
वायुसेना के जवानों से मिलने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें वे एक वायुसेना विमान के सामने खड़े नजर आ रहे हैं। तस्वीर में दीवार पर लिखा है – “क्यों दुश्मन पायलटों को अच्छी नींद नहीं आती।”
पीएम मोदी ने लिखा:
“आज सुबह मैं AFS आदमपुर गया और हमारे बहादुर वायु योद्धाओं और सैनिकों से मिला। साहस, दृढ़ संकल्प और निडरता के प्रतीक लोगों के साथ रहना एक बहुत ही खास अनुभव था। भारत हमारे सशस्त्र बलों के प्रति हमेशा आभारी रहेगा।”
युद्धविराम के बीच दौरे का रणनीतिक महत्व
10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच तत्काल युद्धविराम पर सहमति बनी थी, लेकिन उसी दिन प्रधानमंत्री का सीमावर्ती एयरबेस का दौरा यह संदेश देता है कि भारत शांति का पक्षधर जरूर है, परंतु राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं करेगा।
शक्ति और संकल्प का प्रदर्शन
प्रधानमंत्री मोदी का आदमपुर दौरा केवल एक औपचारिक यात्रा नहीं, बल्कि एक सशक्त रणनीतिक संकेत था—भारत किसी भी प्रकार की आक्रामकता का करारा जवाब देने में सक्षम है। पाकिस्तान के झूठे दावों पर पूर्ण विराम लगाते हुए यह दौरा यह दिखाता है कि भारत की रक्षा प्रणाली न केवल अभेद्य है, बल्कि पूरी तरह सक्रिय और तैयार है।