चमोली, उत्तराखंड / विश्व धरोहर स्थल फूलों की घाटी रविवार को पर्यटकों के लिए खोल दी गई है। उत्तराखंड के चमोली जनपद में स्थित यह प्राकृतिक स्वर्ग हर वर्ष केवल कुछ महीनों के लिए सैलानियों के लिए खोला जाता है, और इस बार भी पहले ही दिन देश-विदेश से आए पर्यटकों ने घाटी के दीदार किए।

रविवार सुबह सात बजे पर्यटकों का पहला दल घाटी के अंतिम पड़ाव घांघरिया से रवाना हुआ। घाटी के मुख्य प्रवेश द्वार पर वन विभाग के कर्मचारियों ने पर्यटकों का पारंपरिक अंदाज़ में स्वागत किया। इस सीजन में अब तक 62 सैलानियों ने पंजीकरण करवाया है।

हर 15 दिन में बदलता है घाटी का रंग
फूलों की घाटी में जैसे ही बर्फ पिघलती है, रंग-बिरंगे फूल खिलना शुरू हो जाते हैं। यहां करीब 500 से अधिक प्रजातियों के फूल पूरे सीजन में खिलते हैं। जुलाई-अगस्त का समय पीक सीजन माना जाता है, जब करीब 350 प्रजातियों के फूल एक साथ खिलते हैं और घाटी को बहुरंगी चादर में बदल देते हैं। यही कारण है कि घाटी का रंग हर 15 दिनों में बदलता रहता है।

यहां भोजपत्र के जंगल भी मौजूद हैं, जो इसे और भी खास बनाते हैं। घाटी को वर्ष 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था, और वर्ष 2005 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी।
पर्यटन से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक इस घाटी का रुख करते हैं, जिससे न सिर्फ राज्य को राजस्व प्राप्त होता है, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलते हैं। पर्यटक घाटी की सुंदरता का आनंद लेते हुए पर्यावरण संरक्षण का विशेष ध्यान रखें, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इस प्राकृतिक धरोहर का आनंद उठा सकें।