उत्तराखण्ड में शारीरिक शिक्षा को लेकर वर्षों से संघर्ष कर रहे प्रशिक्षित बेरोजगारों के लिए अब राहत की किरण दिखाई देने लगी है। बागेश्वर की विधायक पार्वती दास ने मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजकर शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति और शारीरिक शिक्षा विषय को विद्यालयों में अनिवार्य किए जाने की मांग की है।
पत्र में बताया गया है कि राज्य के अधिकांश विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा की घोर उपेक्षा हो रही है, जबकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति स्पष्ट रूप से प्राथमिक से इंटर कॉलेज स्तर तक शारीरिक शिक्षा को आवश्यक मानती है। विधायक ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इन मांगों पर तत्काल कार्यवाही की जाए और वर्षों से संघर्षरत बेरोजगारों को न्याय मिले।
मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
- शारीरिक शिक्षा विषय को अनिवार्य किया जाए – राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्राथमिक से इंटर स्तर तक शारीरिक शिक्षा लागू होनी चाहिए।
- उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो – फाइल संख्या 77006 शासन में लम्बित है, इसे कैबिनेट में लाकर मंजूरी दी जाए।
- व्यायाम प्रवक्ता पद सृजित किया जाए – ताकि वरिष्ठ स्तर पर भी विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण मिल सके।
- आयु सीमा में छूट दी जाए – लंबे समय से बेरोजगार चल रहे प्रशिक्षित युवाओं को उम्र में राहत मिलनी चाहिए।
अब देखने वाली बात होगी कि क्या सरकार इस मांग को सुनवाई तक ले जाकर बेरोजगारों को उनका हक दिला पाएगी या फिर यह पत्र भी केवल फाइलों में सिमटकर रह जाएगा।