देहरादून में यातायात सुगमता और सांस्कृतिक झलक एक साथ

यातायात सुगमता, जनसुरक्षा और सांस्कृतिक सौंदर्य एक साथ

देहरादून — मुख्यमंत्री की प्रेरणा और जिलाधिकारी सविन बंसल की पहल पर देहरादून के प्रमुख चौराहों का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। अब ये चौराहे केवल यातायात के केंद्र नहीं, बल्कि भव्य और सुरक्षित शो-केस की तरह राज्य की पारंपरिक संस्कृति और आधुनिकता का संगम प्रस्तुत कर रहे हैं।

मात्र तीन माह में कुठाल गेट, साई मंदिर और दिलाराम चौक का चौड़ीकरण, अतिरिक्त स्लिप रोड निर्माण और पहाड़ी शैली में सौंदर्यीकरण लगभग पूर्ण हो चुका है। इसके साथ ही ऐतिहासिक घंटाघर के सौंदर्यीकरण का कार्य भी अंतिम चरण में है।

यातायात और सौंदर्य का संगम
जिलाधिकारी बंसल ने ज्वाइनिंग के दूसरे माह में ही डिज़ाइन, सर्वे और कॉन्सेप्ट तैयार कर लिया था। उनकी कार्यशैली के तहत न केवल निर्माण, बल्कि योजनाओं के 3 वर्षों तक रखरखाव का प्रावधान भी किया गया है। कुठालगेट और साई मंदिर तिराहे पर 10 मीटर चौड़ी दो अतिरिक्त मोटरेबल स्लिप रोड बनाई गई हैं, जिससे यातायात सुगम होगा।

चौराहों को गढ़वाल और कुमाऊं की सांस्कृतिक झलक के साथ पारंपरिक पहाड़ी शैली में डिज़ाइन किया जा रहा है। यहां राज्य की महान विभूतियों और आंदोलनकारियों की मूर्तियां तथा कलाकृतियां लगाई जा रही हैं, ताकि पर्यटक और स्थानीय लोग उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत से रूबरू हो सकें।

स्मार्ट सिटी बजट से सौंदर्यीकरण
इन परियोजनाओं के लिए स्मार्ट सिटी बजट से 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। लोक परंपरा, सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक स्थलों की कलाकृतियों के साथ राज्य आंदोलनकारियों की स्मृतियां भी प्रमुख चौराहों और मार्गों पर प्रदर्शित की जाएंगी।

सुरक्षा पर भी जोर
पांच वर्षों में पहली बार शहर के 11 प्रमुख जंक्शनों पर नई ट्रैफिक लाइटें लगाई गई हैं। साथ ही, प्रमुख चौराहों पर लगे पुलिस के सीसीटीवी कैमरों को इंटीग्रेट किया गया है, जिससे यातायात की रियल-टाइम मॉनिटरिंग संभव हो रही है।

निरीक्षण के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह और स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अधिकारी मौजूद रहे।

Team Tunwala.com

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