नई दिल्ली, 12 मई / भारत और पाकिस्तान के बीच बीते कुछ दिनों में चरम पर पहुंचे तनाव और हाल ही में अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर रविवार शाम भारतीय सेना ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इसमें थल सेना के महानिदेशक सैन्य अभियान (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वायु सेना के महानिदेशक वायु अभियान (DG Air Ops) एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती, और नौसेना के महानिदेशक नौसेना अभियान (DGNO) वाइस एडमिरल एएन प्रमोद शामिल हुए।
आतंक के अड्डों पर किया गया सटीक प्रहार
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादियों के ठिकानों को समाप्त करना और आतंक के मास्टरमाइंड को जवाब देना था। भारत ने अत्यधिक सोच-समझकर लक्ष्य तय किए और 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया। इनमें यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ, और मुदासिर अहमद जैसे तीन उच्च मूल्य वाले आतंकी मारे गए, जो IC-814 विमान अपहरण और पुलवामा हमले जैसे मामलों से जुड़े थे।
उन्होंने बताया कि इस अभियान में 100 से अधिक आतंकवादी ढेर किए गए, जबकि 35-40 पाकिस्तानी सैनिकों और अधिकारियों की भी मौत हुई। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह ऑपरेशन सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ था, और भारत की मंशा किसी आम नागरिक या संप्रभुता को आहत करने की नहीं थी।
वायुसेना की रणनीतिक एयरस्ट्राइक
एयर मार्शल ए.के. भारती ने बताया कि 8-9 मई की रात पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और क्वाडकॉप्टर द्वारा बड़े स्तर पर घुसपैठ की कोशिश की गई। एयर डिफेंस प्रणाली सक्रिय रही और तुरंत जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के मुरीदके और बहावलपुर स्थित आतंकी कैंपों पर एयर-टू-सर्फेस गाइडेड एम्युनिशन से सटीक स्ट्राइक की गई। बहावलपुर कैंप में हाई वैल्यू टारगेट को खत्म किया गया।
भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के एयरबेस, कमांड सेंटर और एयर डिफेंस सिस्टम को भी सीमित दायरे में निशाना बनाया, जिससे पाकिस्तान को गंभीर नुकसान पहुंचा और उसे संतुलन बनाए रखने की चेतावनी दी गई।
नौसेना भी रही पूरी तरह तैयार
वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने जानकारी दी कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद से ही नौसेना अलर्ट मोड पर थी। भारतीय नौसेना ने समुद्री ऑपरेशन की तैयारियों को सुदृढ़ किया और पाकिस्तान की नौसेना को रक्षात्मक मुद्रा में रहने को मजबूर कर दिया। पाकिस्तान की नौसेना अपने बंदरगाहों से बाहर नहीं निकल सकी।
पाकिस्तान को दी गई खुली चेतावनी
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने बताया कि 10 मई की सुबह पाकिस्तान के DGMO ने हॉटलाइन पर संपर्क किया और दोपहर 3:35 बजे बातचीत के बाद शाम 5 बजे सीजफायर पर सहमति बनी, लेकिन पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों में इसका उल्लंघन किया। इसके जवाब में भारत ने कड़ी कार्रवाई की। CDS ने सेना को पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई की पूरी छूट दी है।
भारत के 5 जवान शहीद
इस ऑपरेशन में भारत को भी क्षति उठानी पड़ी। लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में 5 भारतीय जवान शहीद हुए, हालांकि सभी पायलट सुरक्षित लौटे। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष किसी युद्ध से कम नहीं था और भारत ने हर हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया।
संदेश स्पष्ट: अब सिर्फ बयान नहीं, सीधी कार्रवाई
DGMO ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में कहा कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ केवल बयान नहीं, निर्णायक सैन्य कार्रवाई से जवाब देगा। ऑपरेशन सिंदूर भारत की सैन्य शक्ति, रणनीतिक क्षमता और निर्णायक इच्छाशक्ति का स्पष्ट प्रमाण है।