देहरादून/पिथौरागढ़, 18 मई / भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा शनिवार को अपने दो दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर देहरादून पहुंचे। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने नड्डा को उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों का विशेष संग्रह ‘हाउस ऑफ़ हिमालयाज़’ भेंट किया और राज्य में स्वरोज़गार के क्षेत्र में हो रहे कार्यों की जानकारी दी।
गुंजी में वाइब्रेंट विलेज योजना की समीक्षा
जेपी नड्डा का यह दौरा खासतौर पर भारत-चीन सीमा से लगे पिथौरागढ़ जिले के वाइब्रेंट विलेज गुंजी केंद्रित है। उन्होंने हेलीकॉप्टर के माध्यम से गुंजी पहुंचकर वाइब्रेंट विलेज योजना के अंतर्गत प्रस्तावित कार्यों का प्रस्तुतिकरण देखा और गुंजी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण भी किया।
इस दौरान उन्होंने गांव में चल रही महिला फेडरेशन द्वारा संचालित होमस्टे परियोजना का दौरा किया और स्थानीय मातृ शक्ति की सराहना की। वे ज्योलिंगकोंग से आदि कैलाश के दर्शन भी करेंगे।
रात्रि प्रवास और विकास योजनाओं की समीक्षा
नड्डा 18 मई की रात गुंजी में ही रात्रि विश्राम करेंगे और 19 मई को देहरादून होते हुए दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने नड्डा के दौरे को राज्य के लिए गौरवपूर्ण और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का सीमावर्ती क्षेत्रों में जाकर विकास कार्यों की जमीनी समीक्षा करना, इन योजनाओं को नई गति और दिशा देने का कार्य करेगा।
वाइब्रेंट विलेज योजना से देवभूमि को विशेष लाभ
वाइब्रेंट विलेज योजना के अंतर्गत सीमांत क्षेत्रों में आवास, स्वास्थ्य, कनेक्टिविटी, पर्यटन और स्वरोज़गार को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं इन क्षेत्रों के विकास पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। जेपी नड्डा का यह दौरा इसी नीति के तहत उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
सामरिक दृष्टि से भी अहम दौरा
गुंजी और आदि कैलाश जैसे क्षेत्र भारत-चीन सीमा से सटे होने के कारण सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। ऐसे में केंद्रीय मंत्री का दौरा राष्ट्रीय सुरक्षा, सीमावर्ती जनजीवन और विकास योजनाओं के समन्वय के लिहाज से एक मजबूत संदेश भी देता है।
जेपी नड्डा के इस दौरे को प्रदेश की जनता, प्रशासन और संगठनात्मक इकाइयों ने एक सकारात्मक संकेत माना है कि केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ अब सुदूर और दुर्गम क्षेत्रों तक भी प्रभावी रूप से पहुंच रहा है।