1. महिलाओं, युवाओं और भूतपूर्व सैनिकों के लिए अलग नीतियां
राज्य सरकार ने रोजगार व कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं, युवाओं और भूतपूर्व सैनिकों हेतु अलग-अलग नीतियां बनाने का निर्णय लिया है।
-
प्रतियोगी परीक्षाओं (सरकारी सेवाएं, नीट, नर्सिंग, विदेशी भाषाएं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि) की तैयारी के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी।
-
राज्यभर में युवा महोत्सव और रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे।
-
व्यावसायिक शिक्षा को मजबूत करने के लिए आईटीआई, पॉलिटेक्निक और स्कूल आपसी समन्वय से काम करेंगे।
-
स्वरोजगार हेतु महिलाओं और युवाओं को मधुमक्खी पालन, एप्पल मिशन और बागवानी का प्रशिक्षण मिलेगा।
-
हर ब्लॉक में प्रारंभिक चरण में 200 लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
-
स्वैच्छिक चकबंदी योजना शीघ्र लागू होगी।
-
राज्य के फल, सब्जी और दूध की खरीद को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग और आईटीबीपी के बीच एमओयू किया गया है। अन्य केंद्रीय एजेंसियों और निजी क्षेत्र से भी एमओयू होंगे।
-
भूतपूर्व सैनिकों को उपनल और अन्य सरकारी योजनाओं से जोड़कर रोजगार व स्वरोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
2. अपराध पीड़ित सहायता (संशोधन) योजना 2025
राज्य कैबिनेट ने उत्तराखण्ड अपराध से पीड़ित सहायता (संशोधन) योजना, 2025 को मंजूरी दे दी है।
-
यह योजना मूल रूप से 2013 में लागू की गई थी, जिसमें 2014 और 2016 में संशोधन हुए।
-
संशोधन के तहत अब पोक्सो पीड़ितों के लिए क्षतिपूर्ति का स्पष्ट प्रावधान शामिल किया गया है।
-
अनुसूची-2 के रूप में न्यूनतम एवं अधिकतम क्षतिपूर्ति राशि तय की गई है।
-
इस कदम से पीड़ितों को समयबद्ध और प्रभावी सहायता मिल सकेगी।
3. साक्षी संरक्षण योजना 2025
न्याय व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड साक्षी संरक्षण योजना, 2025 को भी मंजूरी दी है।
-
इसका उद्देश्य साक्षियों को किसी भी प्रकार के भय, दबाव या प्रतिशोध से मुक्त रखकर स्वतंत्र रूप से गवाही देने का माहौल उपलब्ध कराना है।
-
योजना में पहचान गोपनीयता, स्थान परिवर्तन, सम्पर्क विवरण में बदलाव, भौतिक सुरक्षा और जरूरत पड़ने पर वित्तीय सहायता जैसे उपाय शामिल हैं।
-
इसके लिए राज्य साक्षी संरक्षण समिति गठित की गई है, जिसमें न्यायपालिका, पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
-
सरकार का संदेश स्पष्ट है कि न्याय प्रक्रिया को निष्पक्ष, सुरक्षित और पारदर्शी बनाना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।