कुछ दिन चुनौतीपूर्ण, जिलों में रखें पूरी तैयारी-स्वरूप
आईएमडी के एलर्ट को लेकर अपर सचिव ने दिए निर्देश।
कहा-गुरुवार रात हुई क्षति का आकलन जल्द कर रिपोर्ट भेजें।
देहरादून। मौसम विज्ञान विभाग द्वारा राज्य के विभिन्न जनपदों के लिए जारी रेड व ऑरेंज अलर्ट को देखते हुए उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप ने जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आईएमडी द्वारा शुक्रवार दोपहर जारी अलर्ट के अनुसार आने वाले कुछ दिन राज्य के लिए बारिश के लिहाज से चुनौतीपूर्ण रह सकते हैं। मौसम विभाग द्वारा रेड, ऑरेंज व ग्रीन अलर्ट जारी किया है। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि से नुकसान कम से कम हो, इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियों पूर्व से ही सुनिश्चित कर ली जाएं तथा अधिकारी प्रत्येक स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहें।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से वर्चुअल बैठक को संबोधित करते हुए स्वरूप ने कहा कि सभी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी अपने स्तर पर भी आईएमडी की वेबसाइट को नियमित तौर पर चेक करते रहें और मौसम संबंधी अपडेट प्राप्त करें ताकि किसी भी प्रकार की चेतावनी जारी होने पर समय से आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। इस दौरान उन्होंने शुक्रवार को मुख्य सचिव महोदय द्वारा सचेत एप के प्रचार प्रसार को लेकर दिए गए निर्देशों से सभी डीएमएमओ को अवगत कराया। उन्होंने जनपद स्तर पर सचेत एप का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने तथा इसे अधिक से अधिक लोगों के मोबाइल फोन में डाउनलोड करवाने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए।
Relief Measures and Damage Assessment
इस दौरान स्वरूप ने गुरुवार की रात विभिन्न जनपदों में अतिवृष्टि से हुए नुकसान तथा शुक्रवार दिनभर संचालित राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने सभी जनपदों को क्षति का आकलन कर जल्द से जल्द रिपोर्ट शासन को भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर जो भी स्थान आपदा के दृष्टिकोण से असुरक्षित हैं, वहां से लोगों को तुरंत शिफ्ट कर सुरक्षित स्थानों/राहत शिविरों में पहुंचाया जाए। उन्होंने आश्रय स्थलों में रहने वाले लोगों के लिए उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी लेते हुए वहां भोजन, पानी, बिस्तर की समुचित व्यवस्था करने तथा बिजली, शौचालय तथा जनरेटर के प्रबंध भी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आश्रय स्थलों को ऐसे स्थानों पर बनाया जाए जो आपदा के लिहाज से सुरक्षित हों। उन्होंने आश्रय स्थलों में तहसील स्तरीय अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, डॉ. पूजा राणा, हेमंत बिष्ट, तंद्रीला सरकार आदि मौजूद रहे।
पहाड़ों में बारिश का मैदानों में पड़ेगा अस
आनंद स्वरूप ने कहा कि पहाड़ों में अधिक वर्षा होने पर इसका प्रभाव कहीं ना कहीं मैदानी क्षेत्र में भी पड़ेगा। नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ तथा जल भराव की संभावना हो सकती है। उन्होंने ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए। उन्होंने सैटेलाइट फोन की नियमित मॉनिटरिंग करने तथा उनका उचित रखरखाव करने के निर्देश दिए।
सूचनाओं के आदान-प्रदान में कमी न रहे-डीआईजी नेगी
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी ने कहा कि इस बार चुनौतियां अधिक हैं, इसलिए सूचनाओं के आदान-प्रदान में कहीं पर भी किसी स्तर में कमी नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने सभी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे स्वयं तथा डीईओसी के माध्यम से राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के संपर्क में रहते हुए प्रत्येक घटना की जानकारी एसईओसी को उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक नागरिक तक राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से भेजे जाने वाले अलर्ट पहुंचने बहुत जरूरी हैं, ताकि लोग न सिर्फ जागरूक रहें बल्कि समय रहते अपनी सुरक्षा के लिए उचित कदम भी उठा सकें। उन्होंने नए बने सभी पंचायत प्रतिनिधियों के नंबर व्हाट्सएप ग्रुप में अपडेट करने को कहा।