Raksha Bandhan 2023 रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) से एक दिन पहले श्री केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) में भतूज यानी अन्नकूट उत्सव मंगलवार आधी रात के बाद धूमधाम से मनाया जायेगा। इस अवसर पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) द्वारा दानीदाता के सहयोग से केदारनाथ मंदिर को 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने तीर्थयात्रियों को भतूज तथा रक्षाबंधन की शुभकामनाएं दी है।
रुद्रप्रयाग, Raksha Bandhan 2023: रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) से एक दिन पहले श्री केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) में भतूज यानी अन्नकूट उत्सव मंगलवार आधी रात के बाद धूमधाम से मनाया जायेगा। इस अवसर पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) द्वारा दानीदाता के सहयोग से केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple) को 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया है।
भतूज पर्व पर की गई तैयारियां
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने तीर्थयात्रियों को भतूज तथा रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) की शुभकामनाएं दी है। बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि भतूज पर्व हेतु सभी तैयारियां की गयी है।
उल्लेखनीय है कि भतूज के दिन नये धान के चावलों का पका भोग से भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को लेप कर ढ़क दिया जाता है। उसके बाद रातभर दर्शन के पश्चात प्रात: उन पके चावलों को शिवलिंग से उतारकर मंदाकिनी नदी में प्रवाहित कर लिया जाता है।
केदारनाथ में हक हकूकधारी चावल का बनेगा भोग
मान्यता है कि नये अनाज तथा पके चावलों के भोग को स्वयंभू शिवलिंग पर चढाने से सभी अन्न प्रजाति से विष का शमन हो जाता है। इस अवसर पर केदारनाथ में हक हकूकधारी चावल का भोग बनाकर भगवान केदारनाथ को समर्पित करेंगे। इसके अलावा अन्य खाद्य पदार्थ तथा भोग सामग्री भगवान केदारनाथ को समर्पित की जायेगी।
केदारनाथ धाम पहुंचे भगवान शिव के परम भक्त
आज केदारनाथ क्षेत्र की देवी कात्यायनी डौल्या देवी भगवान केदारनाथ दर्शन किये इन देव डोलियों का सोमवार शाम केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) पहुंचने पर मंदिर समिति तथा श्री केदार सभा द्वारा भव्य स्वागत किया गया। लमगोंडी (गुप्तकाशी) क्षेत्र की अराध्य देवी राजराजेश्वरी तथा भगवान शिव के परम भक्त बाणासुर श्री केदारनाथ धाम दर्शन को पहुंच गये हैं।
इस अवसर पर कार्याधिकारी आरसी तिवारी, पुजारी शिवलिंग, धर्माचार्य औंकार शुक्ला, वेदपाठी यशोधर मैठाणी एवं स्वयंबर सेमवाल डीएस भुजवाण, लोकेंद्र रूवाड़ी प्रदीप सेमवाल,अरविंद शुक्ला सहित केदार सभा, हक- हकूकधारी तथा तीर्थ यात्री मौजूद रहे।