उत्तरकाशी. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कार धामी उत्तरकाशी में राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए टनल हादसे का निरीक्षण करने घटना स्थल पहुंच गए हैं. वे सुरंग में हुए भू-धसाव का निरीक्षण कर रहे हैं. सीएम धामी ने कहा कि घटना के बाद से सभी मजदूरों से संपर्क बना हुआ है. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली है. साथ ही उन्होंने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और रेलवे अधिकारी समेत सभी एक्सपर्ट लगातार मजदूरों को बाहर निकालने के लिए लगे हुए है. सीएम धामी ने कहा कि रातभर रेस्क्यू कार्य चला है और अंदर फंसे लोगों को जल्द ही सकुशल बाहर निकाल लिया जाएगा.
हादसे के बाद, सीएम धामी ने अधिकारियों से स्थिति की नवीनतम अपडेट प्राप्त करने के लिए समर्पित रहे हैं। वर्तमान में, 40 मजदूर टनल के अंदर फंसे हुए हैं और उनका मॉनिटरिंग संज्ञान में लिया जा रहा है। प्रशासन की टीमें मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन में सक्रिय हैं।
सिलक्यारा कंट्रोल रूम ने बताया है कि वॉकी-टॉकी के माध्यम से टनल में फंसे लोगों से संपर्क साधा जा रहा है। टनल में फंसे व्यक्तियों ने भोजन का अनुरोध किया है, और उन्हें पाइप के माध्यम से खाना पहुंचाया जा रहा है। राहत-बचाव दल द्वारा मजदूरों की दूरी को लगभग 60 मीटर बताई जा रही है।
यहां फंसे मजदूरों को निकालने के लिए, मलबा हटाने के कार्य पर ध्यान केंद्रित है और इस कार्य के लिए हैवी एक्सकैवेटर मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है।
सुबह 4 बजे हुआ हादसा
टनल हादसा 12 नवंबर को सुबह के लगभग 4 बजे हुआ था, जिसमें 4.5 किलोमीटर की सुरंग का 150 मीटर का हिस्सा ढह गया। इस घटना के दौरान, लगभग 40 से 45 मजदूर फंस गए, जिनमें से कुछ ने करीब 15 मीटर तक अंदर जा चुके हैं, जबकि अब तक 35 मीटर तक पहुंचना बाकी है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, बगल से दूसरा रास्ता बनाया गया है ताकि बचाव कार्यों में सुधार किया जा सके।
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, अग्निशमन विभाग की टीमें, और राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) के कर्मचारियों को बचाव कार्यों में सहायक बनाया गया है।
SDRF मीडिया प्रभारी ललिता नेगी ने कहा कि ‘हमारा बचाव अभियान युद्ध स्तर पर है. हमें सुबह 9.15 बजे के आसपास सूचना मिली कि उत्तरकाशी में सिल्क्यारा से डंडालगांव तक राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरंग का एक हिस्सा ढह गया है. हमने स्थानीय चौकियों से अपनी टीमें भेजीं. न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, कमांडिंग ऑफिसर नमन नरूला और सहायक कमांडेंट जाधव वैभव के नेतृत्व में सीमा सड़क संगठन और आईटीबीपी की टीमों को भी बाद में बचाव प्रयासों में सहायता के लिए शामिल किया गया.