देहरादून। श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने पुष्टि की है कि बदरीनाथ मंदिर के सिंह द्वार में अभी कोई नई दरार उत्पन्न नहीं हुई है और क्षेत्र में कोई भू-धंसाव भी नहीं हो रहा है। बीकेटीसी के अनुसार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) पहले से ही सिंह द्वार में पाई गई दरारों का संवार कार्य कर रहा है, और इस समय वहां कोई नई दरार नहीं देखी गई है।
पिछले वर्ष, बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने सरकार से सिंह द्वार में उत्पन्न हुई दरारों की चिंता जताई थी। इसके प्रतिक्रिया में, सरकार ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से विस्तृत जांच और समीक्षा की मांग की। जुलाई 2022 में विभाग ने मरम्मत की योजना तैयार की थी और अक्टूबर में दरारों की पहचान के लिए विशेष ग्लास टायल्स लगाए गए थे।
अगस्त 2023 में, विभाग ने टायल्स की समीक्षा के बाद मरम्मत कार्य आरंभ किया, जिसमें कोई अधिक विकास नहीं देखा गया।
बीकेटीसी के प्रवक्ता डा. हरीश गौड़ ने बताया कि सिंह द्वार में मरम्मत कार्य का पहला चरण पूरा हो चुका है और अब दूसरी ओर की दरारों पर कार्य होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सिंह द्वार में पहले से मौजूद दरारों का संवारन जारी है।