जियो प्लेटफॉर्म्स सभी डोमेन में भारत स्पेसिफिक एआई मॉडल और एआई-संचालित सॉल्यूशन डेवलप करने की कोशिशों का नेतृत्व करने के लिए उत्सुक है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने सोमवार को कंपनी के 46वें एनुअल जेनरल मीटिंग (RIL 46th AGM 2023) में कहा कि रिलायंस जियो (Reliance Jio) हर किसी को, हर जगह आर्टिफिशिल इंटेलीजेंस (एआई) सॉल्यूशन की सुविधा देगी. उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा कि कंपनी ने पहले एआई का वादा किया था जिसे हम पूरा करेंगे. इसके लिए मेगा एआई (AI) पुश की रूपरेखा पेश की गई है. अंबानी ने कहा कि भारत के पास स्टैंडर्ड, डेटा और प्रतिभा है, लेकिन हमें भारत में डिजिटल बुनियादी ढांचे की भी जरूरत है जो एआई की विशाल कम्प्यूटेशनल मांगों को संभाल सके.
नए युग की टेक्नोलॉजी का बेनिफिट मिलेगा
खबर के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन अंबानी ने कहा कि जियो प्लेटफॉर्म्स सभी डोमेन में भारत स्पेसिफिक एआई मॉडल और एआई-संचालित सॉल्यूशन डेवलप करने की कोशिशों का नेतृत्व करने के लिए उत्सुक है, जिससे इस नए युग की टेक्नोलॉजी का बेनिफिट भारतीय नागरिकों, व्यवसायों और सरकार को मिलेगा. पीटीआई की खबर में कहा गया है कि अंबानी ने क्लाउड और एज दोनों स्थानों पर 2,000 मेगावाट तक एआई-रेडी कंप्यूटिंग क्षमता बनाने की कंपनी की प्रतिबद्धता का वादा किया.
एआई रिवॉल्यूशन दुनिया को नया आकार दे रहा
मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने कहा कि एक इंटरनेशनल एआई रिवॉल्यूशन दुनिया को नया आकार दे रहा है और इंटेलीजेंट एप्लीकेशन इंडस्ट्रीज, अर्थव्यवस्थाओं और यहां तक कि दैनिक जीवन को फिर से परिभाषित और क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है. इंटरनेशनल लेवल पर कॉम्पिटीटर बने रहने के लिए भारत को इनोवेशन, डेवलपमेंट और देश की समृद्धि के लिए आर्टिफिशिल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) का इस्तेमाल करना चाहिए.
एआई-रेडी कंप्यूटिंग क्षमता डेवलप करने की तैयारी
पीटीआई की खबर के मुताबिक, अंबानी (Mukesh Ambani) ने कहा कि जैसे-जैसे इस क्षेत्र का विस्तार हो रहा है, हम क्लाउड और एज दोनों स्थानों पर 2,000 मेगावाट तक एआई-रेडी कंप्यूटिंग क्षमता बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. अगले पांच सालों में, हम अपनी ज्यादातर इनर्जी फुटप्रिंट को कनेक्टिविटी और डिजिटल सेवाओं में शिफ्ट करने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा, ग्रीन इनर्जी के लिए, जो न सिर्फ पर्यावरण के मुताबिक है बल्कि कम लागत वाली भी है.