एम0डी0एम0ए0 एवं प्रिकर्सर कैमिकल्स की बरामदगी का विवरणः-*
1. *एम0डी0एम0ए0 7.41 ग्राम (अभियुक्त कुनाल राम से बरामदा)*
2. *प्रिकर्सर कैमिकल (रॉ मैटेरियल)*
*1. Dichloromethane (Methylene Chloride) 23 बोतलें × 2.5 लीटर = 57.5 लीटर*
*2. Acetone for synthesis 8 बोतलें × 2.5 लीटर = 20 लीटर*
*3. Hydrochloric Acid (HCL 36.46) 19 बोतलें × 2.5 लीटर = 47.5 लीटर*
*4. Methylamine Solution 1 बोतल × 500 मिलीलीटर = 0.5 लीटर*
*5. Sodium Hydroxide (Pellets Purified) 56 बॉक्स × 500 ग्राम = 28 किलो*
अभियुक्त से पूछताछ का विवरणः
अभियुक्त द्वारा बताया गया कि नाला सुपारा, मुम्बई में रहनें वाले भीम यादव मोनू उर्फ ओम गुप्ता, बल्ली राम गुप्ता, नवीन नेपाली से मुलाकात मुम्बई में हुई थी। पिछले वर्ष जब मोनु गुप्ता तथा भीम यादव के विरूद्ध मुम्बई में नारकोटिक्स एक्ट में केस हुआ था तो मैं इन लोगों को अपने साथ फरारी काटने के लिये टनकपुर गैंडा खाली अपने घर ले आया था। इसी दौरान मेरी मुलाकात टनकपुर में नरेश शकरी व रोशन कोहली से हुयी। नरेश शकारी का घर गैंडाखाली में एकान्त में था तो हम सभी ने आपस में योजना बनाई कि यहॉ पर हम एम0डी0एम0ए0 ड्रग्स को बना सकते हैं। मोनू गुप्ता ने पहले बनारस में ड्रग्स बनाने की फैक्टी लगायी थी वहॉ भी यू0पी0 पुलिस ने छापा मार दिया था। पिछले वर्ष जून-जुलाई से हम लोग यहॉ रह रहे थे। यहॉ पर पहली बार मैनें ड्रग्स बनाने के लिये बनारस से कैमिकल मॅगाया था। जब तीन-चार किलो माल तैयार हो जाता था तब बल्ली राम गुप्ता माल को लेकर मुम्बई जाता था। एक बार जब बल्ली राम गुप्ता मुम्बई माल लेकर गया था तो वहॉ उसे मुम्बई पुलिस ने पकड़ लिया था । इसकी सूचना हमको मिल गयी तो हम लोगों ने गैंडाखाली से फैक्ट्री हटा ली थी। इसके बाद हमको कहीं और सुरक्षित स्थान चाहिये था तो हम लोगों ने पिथौरागढ़ के थल से आगे सुवालेख में एक फार्म किराये पर लेकर मुर्गी फार्म खोल लिया था तथा उसी की आड़ में हम लोग वहॉ एम0डी0एम0ए0 बनाने लगें। वहॉ हमने करीब 5.6 किलो एम0डी0एम0ए0 माल बनाया था जिसको मैं मोनु गुप्ता, भीम यादव, राहुल अपने साथ बनबसा ले आये थे तथा माल को हमने राहुल के घर पर छुपा दिया था। क्योंकि हमारा साथी बल्ली राम गुप्ता पहले ही मुम्बई में जेल चला गया था तो इस माल को बेचने के लिये हमें सही पार्टी नहीं मिल पा रही थी। दिनांक 27.06.2025 को जब पिथौरागढ़ वाली हमारी फैक्ट्री में मुम्बई पुलिस का छापा पड़ा और हमारा कैमिकल व उपकरण पकड़े गये तो हम लोगों ने बनबसा से अलग-अलग गाड़ियों से नेपाल भागने का प्लान बनाया। मैं तथा राहुल उसकी गाडी से बनबसा बार्डर से नेपाल चले गये। मोनू गुप्ता, भीम यादव व अमर कोली पलिया बार्डर के रास्ते नेपाल जाने वाले थे जिन्हें मुम्बई पुलिस ने पलिया बार्डर पर पकड लिया। दिनांक 12.07.2025 को जब बनबसा पुलिस ने राहुल की पत्नी को गिरफ्तार कर हमारी एम0डी0एम0ए0 उससे बरामद की तो हम लोग डर गये। हमें पता चला था कि उसमें हमारा भी नाम है तो हम बनबसा वापस आये तथा हमारे पास गैंडाखाली वाला जो कैमिकल बचा हुआ था उसके दिनांक 13.07.2025 की रात्रि में हमने चम्पावत से निकालकर नानकमत्ता डैम के पास एक खाली कमरे में रख दिया था। जब मुझे पता चला की राहुल भी पकडा जा चुका है तो मैं इस माल को डाम में फैंकन के लिये आज फिर से नानकमत्ता आया तो पुलिस ने मुझे पकड लिया।
अभियुक्त कुनाल कोहली ही अपने साथियों के साथ मुम्बई से अपने दोस्तों को लाकर एम0डी0एम0ए0 ड्रग्स की फैक्ट्री को पहले जनपद चम्पावत तथा बाद में जनपद पिथौरागढ लगा कर एम0डी0एम0ए0 बना रहा था जिसकी खपत मुम्बई में ही की जा रही थी। अभियुक्त कुनाल कोहली तथा उसके साथियों को उत्तराखण्ड की जगह फैक्ट्री के लिये अनुकूल लग रही थी। जिस कारण यह अभियुक्तगण बड़ी मात्रा में एम0डी0एम0ए0 बना रहे थे।
अभियुक्त कुनाल कोहली जहॉ से एम0डी0एम0ए0 में प्रयुक्त होने वाले कैमिकल को मंगा रहा था उन कम्पनीयों में अग्रिम कार्यवाही की जायेगी।
*मा० मुख्यमंत्री उत्तराखंड के “ड्रग्स फ्री देवभूमि” अभियान के तहत की गई बड़ी कार्यवाही पर पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ का प्रेस वक्तव्य:*
> ‘ड्रग्स फ्री उत्तराखण्ड’अभियान के तहत लगातार सघन और बहुआयामी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस द्वारा ड्रग्स की आपूर्ति, वितरण और आर्थिक नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में ठोस रणनीति के तहत कार्य किया जा रहा है। मैं आज आपको राज्य में हाल ही में हुई कुछ बड़ी कार्रवाइयों और हमारी आगामी कार्ययोजनाओं के बारे में अवगत कराना चाहता हूँ।”
1. *वित्तीय जांच एवं PIT-NDPS के तहत कार्रवाई*
> “चम्पावत, उधमसिंहनगर एवं पिथौरागढ़ जिलों के टनकपुर, बनबसा व थल थाना क्षेत्रों में हाल ही में भारी मात्रा में ड्रग्स बरामद हुई हैं। इन मामलों में केवल अभियुक्तों की गिरफ्तारी तक सीमित न रहकर, उनकी पूरी वित्तीय श्रृंखला की गहराई से जांच की जा रही है — कि ये लोग नशे के कारोबार से कैसे और कहां तक धन अर्जित कर रहे हैं तथा उसे किस गतिविधि में लगा रहे हैं। इस अवैध आय से अर्जित संपत्तियों को जब्त (attached) किया जा रहा है और PIT-NDPS एक्ट के अंतर्गत निरोधात्मक कार्रवाई कर अपराधियों को लंबे समय तक जेल में रखने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।”
2. *प्रीकर्सर केमिकल्स पर विशेष निगरानी*
> “राज्य में 44 यूनिट्स ऐसी चिन्हित की गई हैं जो ऐसे प्रीकर्सर केमिकल्स का प्रयोग कर रही हैं जिनका उपयोग अवैध नशीले पदार्थ बनाने में हो सकता है। इनके भौतिक सत्यापन हेतु समस्त एसएसपी/एसपी को निर्देशित किया गया है ताकि किसी भी अनियमितता या दुरुपयोग की संभावनाओं को समय रहते रोका जा सके।”
3. *फार्मास्यूटिकल इकाइयों की जांच*
> “उत्तराखण्ड में 172 फार्मा इकाइयाँ ‘शेड्यूल-H’ ड्रग्स से संबंधित कार्य कर रही हैं। ये ड्रग्स केवल चिकित्सकीय पर्ची पर दी जानी चाहिए, परंतु इनका दुरुपयोग भी ड्रग्स के रूप में हो रहा है। SHO/SO एवं ड्रग्स निरीक्षकों की संयुक्त टीमें इन इकाइयों का भौतिक सत्यापन कर रही हैं जिससे पारदर्शिता बनी रहे।”
4. *थानों को ड्रग डिटेक्शन किट*
> “अब प्रदेश के प्रत्येक थाने को ड्रग डिटेक्शन किट उपलब्ध करा दी गई है, जिससे थाना स्तर पर ही संदिग्ध पदार्थ की प्राथमिक जांच की जा सकेगी और समय पर प्रभावी कार्रवाई संभव हो सकेगी।