देहरादून। डेंगू की प्रकोप की स्थिति को सामने लाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने राज्य कार्यक्रम नोडल अधिकारी, डॉ पंकज सिंह के साथ पौड़ी जनपद के कोटद्वार बेस अस्पताल में अचानक निरीक्षण करवाया। उन्हें निरीक्षण के दौरान अस्पताल में अनेक दोष और असुविधाएँ नजर आईं। विशेष रूप से डेंगू वार्ड में अन्यथा और लापरवाही पर उन्होंने अपनी असंतोष का इज़हार किया। उन्होंने तत्कालीन अधिकारियों से संबंधित डॉक्टर्स पर सख्त कदम उठाने के निर्देश दिये। उसके परिणामस्वरूप, आज सरकारी पक्ष से संबंधित पदाधिकारियों, सीएमओ, सीएमएस और दो डॉक्टर्स को स्पष्टीकरण मांगने वाला नोटिस जारी किया गया है।
गौरतलब है कि कोटद्वार के स्थानीय लोगों, समाजिक संगठनों, विभिन्न पार्टी के पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य सचिव से शिकायत की थी कि बेस अस्पताल में डेंगू की रोकथाम के साथ ही मरीजों के इलाज में घोर लापरवाही बरती जा रही है। जिससे मरीजों को इलाज में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने तकनीकी विशेषज्ञ/राज्य कार्यक्रम नोडल अधिकारी डॉ पंकज सिंह के साथ बेस अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक स्वास्थ्य सचिव के मरीजों के इलाज से सबंधित प्रशनों का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये। इसके साथ ही डेंगू मरीजों के इलाज में स्वास्थ्य सचिव को कोताही देखने को मिली। मरीजों की केस हिस्ट्री पूछने पर चिकित्सकों के पास कोई जवाब नहीं था। जिस पर स्वास्थ्य सचिव ने कार्रवाही के निर्देश जारी कर दिये हैं। स्वास्थ्य सचिव के द्वारा सीएमओ पौड़ी प्रवीण कुमार, सीएमएस कोटद्वार डॉ0 विजयेश भारद्वाज को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। वहीं वरिष्ठ फिजीशियन डॉ जगदीश चन्द्र ध्यानी और पैथोलॉजिस्ट डॉ0सुप्रिया को स्पष्टीकरण नोटिश जारी करने के साथ ही अग्रिम आदेशों तक उनका वेतन रोकने के आदेश जारी किये गये हैं।
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा कि राज्य में डेंगू की रोकथाम के लिए महाअभियान चलाया जा रहा है। डेंगू मरीजों के इलाज में किसी भी प्रकार की कोई कोताही बदार्शत नहीं की जायेगी। कोटद्वार बेस अस्पताल में संबधित चिकित्सकों के खिलाफ अपने कार्यों में लापरवाही पर कार्रवाही की गई है। डेंगू रोकथाम और मरीजों को बेहत्तर इलाज देना हमारी प्राथमिकता है। पहले ही गाइडलाइन जारी कर दी गई है। प्रदेश में सभी संबधित अधिकारियों को इसको लेकर निर्देश पहले ही दे दिये गये हैं। बावजूद इसके डेंगू मरीजों के इलाज या अन्य किसी भी प्रकार की कोई शिकायत सामने आती है तो जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जायेगी।